दहलीज हूँ... दरवाजा हूँ... दीवार नहीं हूँ।
खरीद लाये थे कुछ सवालों का जवाब ढूढ़ने।
जहाँ तक रास्माता मालूम था हमसफर चलते गए,
जब से तुमको देखा है दिल बेकाबू हमारा है,
रास्ते पर तो खड़ा हूँ पर चलना भूल गया हूँ।
रास्तों की उलझन में था हमसफर भी छोड़ गए।
उजालों में चिरागों की अहमियत नहीं होती।
जो मेरा हो नहीं पाया, वो तेरा हो नहीं सकता।
ख्यालों और सांसों का हिसाब है ज़िन्दगी,
बिछड़ के मुझ से वो दो दिन उदास भी न रहे।
हुजूर लाज़िमी है महफिलों में बवाल होना,
रास्ते पर तो खड़ा हूँ पर चलना भूल गया हूँ।
कुछ बदल quotesorshayari जाते हैं, कुछ मजबूर हो जाते हैं,
समंदर पीर का अन्दर है, लेकिन रो नहीं सकता,